वारीचे अंभग
समतेचा ध्वज । संतानीच दिला।
ठेवणार नाही। शेवटाले ।।
विठोबा तुमचा। खंडोबा आमचा।
असा नाही भेद। बहुजना ।।
किती सांगू पिढ्या। गेल्या या वाटेने।
सार्थक झालं हो। जगण्याचे।
वारी करा तुम्ही। ऊघडून डोळे।
रानात जागवा। पानमळा।।
शिवारी पंढऱी। मळ्या गोकूळ।
पाटात हो वाहे। चंद्रभागा।
बहरले पीक। फुलला आनंद।
ब्रम्हानंद टाळी। वाजेल बा।
विठ्ठल रखमा। बांधावर ऊभी।
कळस दर्शन। कशासाठी।।
मोट नाडा गेला । वीजपंप आले।
मन सारे झाले। ओले ओले।।
पंढरी जेजुरी। पाहावी एकदा।
असा लोकदेव। नाही दुजा।
वारकरी झाले। जेजुरी पिवळे।
भगवी पताका। भंडाऱ्यात।।
घाटी तुणतुणे। बोलते अंभग।
गर्जतो म्रदंग। येळकोट।।
दुडक्या चालीने। वारकरी चाले।
सावलीचे छत्र। ढगमाझे।।
थकलेले पाय। सरकेना पुढे।
तरी गोड वाटे। पायवाट।।
जड झाले पाय। मन ओढी पुढे।
वार्याची झुळूक। मदतीला।।
हिरवा शिवार। चाले जागवीत।
विठोबाची दिंडी। पंढरीला।।
हरिभजनाने। मंतरलेले रान।
आला बहरुन। भक्तीमळा।।
ऊधळला कोणी। भंडार्याच्या गोणी।
पिवळे पडले। वारकरी।।
मल्हार नगरी। वैष्णवांची दाटी।
भेटीसी हो आले। जगजेठी।।
बाणाई म्हाळसा। हट्ट धरी देवा।
विठोबाच्या भेटी। जाऊ म्हणे।।
खंडोबाचा गड। भजनात दंग।
चढू लागे रंग। सोहळ्याला।।
ठुमकत नाचे। देवाची मुरळी।
भंडारा कपाळी। लावुनिया।।
अहल्या ऊमाजी। पराक्रमी थोर।
होते बंडखोर। पुरागामी।।
सांजवेळी सूर्य। उधळून गेला।
भंडा-याच्या गोणी। वारीवर।।
भारावले देव। बघून सोहळा।
एक कसा झाला। गोतावळा।।
जेजुरीत लोटली। पंढरीची वारी।
मल्हारीच्या दारी। महापूर।।
वारीच्या गावात । शिंपण करते।
हलकी झरते। रिमझिम।।
नाचत गर्जत। आषाढी आभाळ।
वाजवीत टाळ। वारीमध्ये।।
पाऊले चालती। पंढरीची वाट।
जुनी वहिवाट। पुर्वजांची।।
रथाचा कळस। डुलतो हलतो।
दिंड्यात झुलतो। वैष्णव।।
अंधार पांघरी। पालखीचा तळ।
भक्तीचा हल्लोळ। गावामध्ये।।
दगडाचा देव। पुजता कशाला।
ज्याने घडविला। हातजोडा।।
सांगुनिया गेले। ज्ञानदेव तुका।
बोलियेला मुका। वारीमाजी।।
केली कोणी सांगा। मतंराने शेती।
गुगं झाली मती। सनातनी।।
घाम गाळुनिया। फुलला शिवार।
दर्शन हो झाले। विठोबाचे।।
ढोंगी मौनी बाबा। माजलेत फार।
करा त्यांना दूर। वारीतून।।
ऋषीचे ही मूळ। शोधायला हवे।
तपासून घ्यावे। जनमन।।
तुकाराम गाथा। वेदांचाही बाप।
पुराणाची थाप। ऐकूनका।।
पंढरीचा देव। देवांचाही देव।
फुटे कसे पेव। दलालांचे।।
दगडा शेंदूर। फासला हो कोणी।
केला दिनवाणी। देवमाझा।।
नका बोलू कोणी। चमत्काराची भाषा।
उतरले नशा। अभ्यासाने।।
विज्ञान कसोटी। निसर्ग चिकाटी।
ढोंगाला ओहोटी। लागेलबा।।
शिवबाचा किल्ला। मावळा राखतो।
फेकूनिया देतो। अंध्रश्रद्धा।।
जोडोनिया हात। रुखमाई वरा।
मिळेल सहारा। सत्याचाच।।
संपत्ती जमवी। फसवून जना।
लाज वाटो मना। दुबळ्यांच्या।।
करी भ्रष्टाचार। आतल्या हाताने।
जाईल फुकाने। जन्मअसा।।
कष्टाविना जेव्हा। मिळते भाकर।
होईल चाकर। मनोमनी।।
चोरुनिया अंग। किती नासवाल।
स्वतः फसवाल। स्वतःलाच।।
संपत्ती कुणाची। शेवटाले गेली।
कुबेराची आली। आठवण।।
उत्तम व्यवहारे। कमवावे धन।
होई समाधान। कष्टाचेच।।
गुलामी सोडून। माणूस वागेल।
तेव्हांच येईल। स्वराज्य।।
पंढरीत विठ्ठल। भेटतच नाही।
हिरव्या शिवारी। राहतोबा।
राही रुखमाई। विनवती देवा।
भक्ताच्या गावा। चलाजाऊ।।
ज्ञानोबा तुकोबा। मंत्र हा जपावा।
अधर्म कापावा। विचाराने।।
नामदेव जना। बोलते अभंग।
नाचतो मृदंग। ठायीठायी।।
नाचतो श्रीरंग। नदीकाठी।।
आषाढाची वारी । आनंदी सोहळा।
जमे गोतावळा। माणसांचा।।
पंढरीत काय। वाजत गाजत।
पताका नाचत। डोलेकैसी।।
पंढरी नामाचा। महिमा आचाट।
होई घबराट। स्वर्गातच।।
जादूमंत्र टोणा। नाही चालणार।
सत्याचा आधार। विठूमाझा।।
विठू नाम घेता। फिरेल माघारी।
यमाची वरात। दारातून।।
कौशल्येचा राम। यशोधेचा कान्हा।
पंढरीचा राणा। एकअसे।।
विठ्ठल सावळा। गोकुळी यादवा।
मनात जागवा। कष्णसखा।।
छत्रपती शिवा। गोकुळी यादवा।
पंढरीत पावा। विठोबाचा।।
करी कशासाठी। गौतमाचा धावा।
मराठ्यांचा छावा। शोधलावा।।
संभाजी राजांनी। अनुदान दिले।
पंढरीला नेले। बहुजना।।
चोराच्या हाती । खजिन्याची चावी।
इतिहास खोटा। घुसडला।।
तळव्याने गेले। सूर्य झाकायला।
लागे वाकायला। सनातनी।।
वारकरी धर्म। वेगळाच आहे।
वळुनिया पाहे। बहुजना।।
महानुभाव शीख। तसाच वैदिक।
वारकरी हाच। शिवधर्म।।
सत्याचा हो शोध। घेतला संतानी।
टाकली पंतानी। मानबघा।।।
भागवत धर्म। आपला वाटला।
कुणी बाटवला। हिंदूधर्म।।
जगण्याचे बळ। विठोबाने दिले।
नाचवत नेले। पंढरीला।।
काळा काळा देव। आहे बहुजना।
गोरा गोरा पान। वैदिकांचा।।
जानवे घालून। बाटू देवू नका।
तोडोनिया टाका। विषमता।।
स्वार्थासाठी भट। देवाला बाटवी।
नदीला आटवी। आभासाने।।
कधी तरी जाणा। पावसाचं गाणं।
आभाळाचं कान। करुनिया।।
विठ्ठलाने मला। आहे सांगितले।
सत्य वारीतले। लिहायला।।
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